नासा की बड़ी खोज, मंगल ग्रह पर मिला जीवन के बर्तन वाला नक्शा!


विज्ञान 11 September 2025
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नासा की बड़ी खोज, मंगल ग्रह पर मिला जीवन के बर्तन वाला नक्शा!

हैदराबाद: हम जब भी ब्रह्मांड के बारे में जानते हैं तो हमारे मन में कई बार यही सवाल आता है कि क्या पृथ्वी के अलावा किसी अन्य ग्रह पर भी जीवन संभव है या कभी जीवन था। दुनिया भर के कई वैज्ञानिक इस रहस्य को जानने की कोशिश कर रहे हैं। इसी कड़ी में नासा को लेकर एक खोज की गई है, जो इस बात की ओर इशारा करती है कि शायद मंगल ग्रह पर भी कभी जीवन हुआ होगा। आइए हम आपको बताते हैं नासा की इस नई खोज के डिटेक्शन्स।

असल में, नासा के रोवर पर्सिवरेंस ने इस सवाल का जवाब का जवाब देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है कि क्या मंगल ग्रह पर जीवन कभी था। नासा के इस रोवर ने मंगल ग्रह पर एक ऐसी चट्टान की खोज की है, जिसमें जीवन के पुराने संकेत या प्रमाणिक रहस्य हो सकते हैं।

मंगल ग्रह पर मिले जीवन के मजबूत संकेत

नासा के मंगल ग्रह में मौजूद एक सूक्ष्म नदी के मार्ग से इस चट्टान के अंदर कुछ ऐसे रासायनिक तत्व (रासायनिक तत्व) और निशान मिलते हैं, जो पृथ्वी पर आम तौर पर सूक्ष्म परत (रोगाणु) के कारण बने होते हैं। सूक्ष्म जीव ऐसे जीव होते हैं, जो सूक्ष्म दृष्टि से दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन सूक्ष्म जीव पृथ्वी पर मनुष्यों के जीवन का आधार माने जाते हैं। इसका मतलब यह है कि अगर पृथ्वी पर सूक्ष्म जीव ना हो तो इंसान भी नहीं रहेगा।

नासा के गैसोलीन का कहना है कि यह एक "संभावित बायोसिग्नेचर" हो सकता है। नासा के बायोसिग्नेचर अवलोकन का मतलब यह है कि मंगल ग्रह पर मिले इस चट्टान में जैविक जीवन के संकेत हो सकते हैं। हालाँकि, नासा ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है।

ये खोज कहां और कैसे हुई?

नासा के पर्सेवेरेंस रोवर को जुलाई 2024 में मंगल ग्रह के "ब्राइट एंजेल फॉर्मेशन" नाम के इलाके में यह चट्टान मिली थी। यह जगह एक पुरानी नदी की घाटी में स्थित है, जहां कभी-कभी बहुत तेजी से पानी बहता था। इस चट्टान का आकार लगभग 3 फीट लंबा और 2 फीट लंबा है। इसमें कुछ रंग-बिरंगे स्थान भी दिखाई देते हैं, जो दिखने में चीता जैसा काला (तेंदुए के धब्बे) जैसे हैं। मित्रता धब्बों में कुछ विशेष प्रकार के खनिज (खनिज) भी पाए गए हैं। जैसे:

  • विवियनाइट (Vivianite) – यह पृथ्वी पर बोस्टन क्षेत्र या साडी हुई बॅल के पास पाया जाता है।
  • ग्रेगाइट (ग्रेगाइट) – ग्रेगाइट को पृथ्वी पर कुछ विशेष प्रकार के विखंडन हैं।

इन खनिजों का एक साथ पाया जाना इस बात की ओर संकेत करता है कि मंगल ग्रह पर शायद ही कभी जीवन होगा या जीवन की कोई प्रक्रिया होगी।

नासा के पर्सेवे लारेंस रोवर के पास कुछ खास उपकरण लगे हुए हैं, जिनके अंदर ग्लास भी लटकाया जा सकता है। पर्सेवेरेंस में लगे कई टूल्स में सबसे बड़ा योगदान PIXL और SHERLOC का आ रहा है। PIXL चट्टानों के अंदर के रासायनिक तत्वों को स्कैन करता है और SHERLOC विलीन (जैविक) को नष्ट कर देता है और उनकी चमक को पकड़ लेता है। इन्स टूल ने चेयावा फॉल्स की चट्टानों की जांच की और फिर धरती पर बैठे नासा के उस जांच का विश्लेषण किया।

ये सब जीवन के बिना भी क्या बन सकता है?

अब आपके मन में सवाल उठ रहे होंगे कि नासा के रोवर को जो संकेत मिले हैं, क्या वो किसी भी ग्रह पर बिना जीवन के भी मिल सकते हैं। इसके बारे में सबूतों में यह दावा किया गया है कि यह सब कुछ गैर-जैविक (गैर-जैविक) धूम्रपान से भी बन सकता है, जैसे तेज़ गर्मी या अम्लीय अवसाद में इसका निर्माण हो सकता है। हालाँकि, नासा को मंगल ग्रह के जिन क्षेत्रों में ये साक्ष्य मिले हैं, वहाँ किसी कठोर वातावरण के साक्ष्य नहीं मिले हैं।

इसका मतलब यह है कि यदि मंगल ग्रह के ग्रहों में कभी माइक्रोब्स थे, तो उनमें तत्वों का उपयोग करके ऊर्जा का निर्माण किया जाएगा। पृथ्वी पर भी माइक्रोब्स एसोसिएटेड को फॉलो करते हैं। इसी कारण से वैज्ञानिक साक्ष्यों से मंगल ग्रह पर जीवन का अभी तक सबसे मजबूत संकेत मान रहे हैं।

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